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सुनो! तुम कुछ पल ओर रुक जाया करो

तुम्हें  जाने  को  कह  देता  हूँ  मैं  अक्सर,
मेरी उस हाँ की  ना को समझ जाया करो।
मैं  जाने  की  बोलूँ  तो भी मत जाया करो,
सुनो! तुम कुछ पल ओर रुक जाया करो।।

उस  वक़्त   मेरे   इस  दिल  में  कुछ  ओर,
और  मेरी  जुबां  पर  कुछ  ओर  होता  है।
मेरे  दिल  की  बेताबी पर रहम खाया करो,
सुनो! तुम कुछ पल ओर रुक जाया करो।।

ये  नज़रें  उस  वक़्त  तुझे  रोकती  हैं जान,
जिस   पल   तुम   मुझ  से  विदा  लेती  हो।
तुम लबों की खामोशी पर तरस खाया करो,
सुनो! तुम कुछ पल ओर रुक जाया करो।।

तुझसे ढेरों बातें मेरी कभी ख़त्म नहीं होती,
लफ़्ज़ों में छिपे प्यार को समझ जाया करो।
जो कहना पाऊँ तुमसे वो समझ जाया करो,
सुनो! तुम कुछ पल ओर रुक जाया करो।।

"निक्क" मैं  कितना  भी  देख  लूँ  तुझे पर,
तुझे  ही  हर  पल  देखना  चाहती है नज़रें।
तुम  चेहरे  पर  यूँ  ना  ज़ुल्फ़ें  गिराया करो,
सुनो! तुम कुछ पल ओर रुक जाया करो।।

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10 Comments

Pallavi

18-Jun-2022 09:14 PM

Nice post

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Seema Priyadarshini sahay

18-Jun-2022 05:43 PM

बेहतरीन

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Punam verma

18-Jun-2022 08:31 AM

Nice

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nikksinghnikhil

18-Jun-2022 10:10 AM

Thanks

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